Monday 12 October 2009

कानून व्यबस्था में कमी ...


हम सभी जानते हैं की घूसखोरी देश की बड़ी समस्या में से एक है. लेकिन बिहार इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जहा हर छोटे-छोटे काम के लिए घुस देनी पड़ती हैं चाहे वह नौकरी के लिए हो , पुलिस चौकी में रिपोर्ट लिखाने की बात हो या फिर अदालत की बात हो ,आपका काम बिना घुस दिए हो ही नहीं सकता , कानून बनाया गया हैं , घुस देने बाला भी गुनेहगार हैं,,,,अरे भाई आपने जिस को कानून की रक्षा करने के लिए नियुक्त किया हैं वही उसके साथ मन मर्जी कर रहा हो तो किस पर विस्वास करेंगे , वही कानून को नहीं मान रहा है फिर आम आदमी क्या करेगा , आपका चौकीदार ही अगर चोर निकले तो किसके ऊपर विस्वास करेंगे ,,,,कानून ब्यवस्था सबसे पहले ठीक होनी चाहिए क्योकि ये दीमक की तरह समाज को खोखला कर रहा हैं! बिहार के बिकास में ये भी एक बड़ी रुकाबट है.....घूसखोरी की वजह से अमीर लोगो का दब-दबा कानून पर भी बना रहता हैं , गरीब लोगो के साथ-साथ ! गरीब लोगो को न्याय नहीं मिलता , वे बेचारे तो पुलिस चौकी भी नहीं जाना चाहते हैं , क्यों की उन्हें पता हैं बिना पैसे के वहा भी कुछ नहीं होगा ! तब-तक गरीबो को न्याय नहीं मिलेगा जबतक कानून व्यबस्था -घूसखोरी से मुक्त नहीं होगा ! इसके लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने होगे , नहीं तो गरीब आदमी यु ही पिसते रहेगे ! हम घूसखोरी के साथ बिकास रूपी मंजिल कभी नहीं पा सकेगे ! गरीबो को न्याय मिले इसके लिए कानून ब्यवस्था को घूसखोरी से मुक्त करना होगा

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